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नवोदय: एक परिचय

जवाहर नवोदय विद्यालय अथवा नवोदय विद्यालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली पूरी तरह से आवासीय, सह शिक्षा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्डनई दिल्ली से संबद्ध शिक्षण परियोजना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति - १९८६ के अन्तर्गत ऐसे आवासीय विद्यालयों की कल्पना की गई जिन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम दिया गया, जो सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने का उत्तम प्रयास है। इस परीयोजना का प्रमुख लक्ष्य गांव-गांव तक उत्तम शिक्षा पहुचाना है। ये विद्यालय पूर्णतः आवासीय एवं निःशुल्क विद्यालय होते हैं जहाँ विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, शिक्षा एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। हर जिले में एक नवोदय विद्यालय होता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति १९८६ के अनुसार भारत सरकार ने जवाहर नवोदय विद्यालय प्रारंभ किए थे। प्रत्येक जिलों में आवासीय विद्यालयों की अवधारणा "नई शिक्षा नीति" १९८६ के अंतर्गत प्रगट हुई।

वर्तमान में जवाहर नवोदय विद्यालय २७ राज्यों और ७ संघ शासित राज्यो मैं संचालित हैं। यह सह शिक्षा आवासीय विद्यालय है, जिन्हे एक स्वयत्त संगठन, नवोदय विद्यालय समिति के ज़रिए भारत सरकार द्वारा संचालित संपूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त हैं। नवोदय विद्यालयैं में प्रबेश, जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा के मध्यम से कक्षा ६ में किए जाते हैं। इन विद्यालयों में कक्षा ८ तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा हैं और इसके बाद से गणित और विज्ञान के लिए अंग्रेज़ी मध्यम और सामाजिक विज्ञान के लिए हिन्दी मध्यम हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र केंद्रीय माधामिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा १० और १२ की परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। याद्दपि इन विद्यालयों के छात्रों को नि:शुल्क आवास, भोजन, गणवेश, एवं पाठ्यपुस्तक प्रदान की जाती हैं, परंतु कक्षा ९ से १२ तक के छात्रों से शुल्क के रूप में प्रति माह रु २०० /- लिए जाएँगे परंतु अनुचुचित जाति, जनजाति, बालिकाओं शारीरिक बिकलांग, एवं उन छात्रों से जिनके अभिभावक ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं, को इस शुल्क से छूट प्रदान की गयी हैं।

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